भारतीय रिज़र्व बैंक की डिजिटल रुपया (e₹): नई मुद्रा का युग

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने दिसंबर 2022 में “डिजिटल रुपया” या “ई-रुपया (e₹)” लॉन्च किया, जो भारत की आधिकारिक केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) है। यह भारत की मौद्रिक प्रणाली में एक ऐतिहासिक बदलाव का संकेत है, जो अर्थव्यवस्था के डिजिटलीकरण और नकदी के विकल्प की दिशा में एक बड़ा कदम है।

डिजिटल रुपया क्या है?
● डिजिटल रुपया भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी की गई कानूनी मुद्रा का डिजिटल रूप है।
यह उसी मूल्य का है जैसा एक भौतिक नोट या सिक्का होता है — यानी ₹100 का डिजिटल रुपया, ₹100 के नोट के बराबर है।
● यह ब्लॉकचेन जैसी सुरक्षित तकनीक पर आधारित है और इसे आप स्मार्टफोन या अन्य डिवाइस पर डिजिटल वॉलेट में रख सकते हैं।

e₹ कैसे काम करता है?
RBI ने दो प्रकार के डिजिटल रुपया जारी किए हैं:
1. e₹-W (Wholesale) – बैंकों के बीच लेनदेन के लिए।
यह मुख्य रूप से सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद-बिक्री और इंटर-बैंक सेटलमेंट में उपयोग होता है।
इसका उद्देश्य भुगतान प्रणाली को तेज़, सस्ती और पारदर्शी बनाना है।

2. e₹-R (Retail) – आम जनता के उपयोग के लिए।
यह एक डिजिटल वॉलेट के रूप में काम करता है, जो मोबाइल एप्स के ज़रिए एक्सेस किया जा सकता है।
इसे बैंकिंग ऐप्स या RBI के पार्टनर बैंकों जैसे SBI, HDFC, ICICI, IDFC First Bank आदि द्वारा दिया जाता है।

उपयोग का तरीका:
● उपभोक्ता अपने बैंक के e₹ वॉलेट में राशि ट्रांसफर करते हैं।
● QR कोड स्कैन करके व्यापारी या व्यक्ति को सीधे भुगतान किया जा सकता है।
● भुगतान के लिए इंटरनेट आवश्यक नहीं है; टोकन आधारित ट्रांसफर सिस्टम इसे संभव बनाता है।

तकनीक के पीछे क्या है?
RBI ने e₹ को डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी (DLT) और केंद्रीकृत डेटाबेस सिस्टम के मिश्रण पर आधारित बनाया है।
यह पूरी तरह RBI द्वारा नियंत्रित और ट्रैक योग्य है, जिससे सुरक्षा और फर्जीवाड़े पर नियंत्रण आसान होता है।

साथ ही, यह सिस्टम “फिएट करेंसी” की तरह काम करता है — यानी इसका मूल्य भारतीय सरकार की गारंटी पर आधारित है।

डिजिटल रुपया के फायदे:
1. लेनदेन में सरलता:
बिना बैंक मध्यस्थता के तेज़ और 24×7 ट्रांज़ैक्शन संभव।
2. लागत में कमी:
नोट छापने, परिवहन और सुरक्षा में लगने वाली भारी लागत घटेगी।
3. नकली नोट और भ्रष्टाचार पर नियंत्रण:
हर लेनदेन डिजिटल ट्रैक होने से पारदर्शिता बढ़ेगी।
4. वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion):
ग्रामीण और दूरदराज़ क्षेत्रों तक डिजिटल भुगतान का विस्तार।
5. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में मदद:
भविष्य में e₹ अन्य देशों की CBDC के साथ क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट्स को आसान बनाएगा।

डिजिटल रुपया की चुनौतियाँ (Cons):
1. गोपनीयता की चिंता:
हर लेनदेन ट्रैक हो सकता है, जिससे नागरिकों की गोपनीयता पर प्रश्न उठते हैं।
2. साइबर सुरक्षा खतरे:
हैकिंग, डेटा चोरी और डिजिटल फ्रॉड की संभावना।
3. तकनीकी पहुंच की असमानता:
ग्रामीण क्षेत्रों में स्मार्टफोन और इंटरनेट की कमी अभी भी चुनौती है।
4. बैंकों पर प्रभाव:
यदि लोग सीधे e₹ रखें, तो बैंकों के डिपॉजिट घट सकते हैं, जिससे उनकी ऋण देने की क्षमता प्रभावित होगी।
5. जन जागरूकता की कमी:
बहुत से लोगों को अभी भी e₹ और UPI में फर्क समझ में नहीं आता।

भविष्य की दिशा:
● RBI का उद्देश्य है कि e₹ को धीरे-धीरे पूरे देश में लागू किया जाए और इसे UPI जैसे प्लेटफ़ॉर्म्स के साथ एकीकृत किया जाए।
● आने वाले वर्षों में यह भारत की “कैशलेस इकॉनॉमी” को और गति देगा।

UPSC / MPSC अभ्यर्थियों के लिए तैयारी सुझाव:
1. सिलेबस में प्रासंगिक भाग:
GS Paper III (Economy)
● Prelims: Indian Economy and Banking System
● MPSC: भारतीय अर्थव्यवस्था व वित्तीय समावेशन

2. पढ़ने योग्य विषय::
● केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) की परिभाषा और कार्यप्रणाली
● ब्लॉकचेन और डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी
● e₹ और UPI का अंतर
● RBI की मौद्रिक नीति पर e₹ का प्रभाव
● e₹ से वित्तीय समावेशन और भ्रष्टाचार नियंत्रण

3. उत्तर लेखन के लिए दृष्टिकोण:
● e₹ को “वित्तीय नवाचार और डिजिटल गवर्नेंस” के उदाहरण के रूप में लिखें।
● इसके सामाजिक, आर्थिक और प्रशासनिक प्रभावों को जोड़ें।

4. उदाहरण के लिए उत्तर प्रश्न:
● “डिजिटल रुपया भारतीय अर्थव्यवस्था में पारदर्शिता और दक्षता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। टिप्पणी करें।”
● “CBDC की भूमिका को समझाते हुए बताएं कि यह भारतीय मौद्रिक नीति को कैसे प्रभावित करेगा।”

निष्कर्ष:
डिजिटल रुपया भारत के वित्तीय ढांचे में एक ऐतिहासिक परिवर्तन है।
यह “टेक्नोलॉजी-आधारित मुद्रा का युग” प्रारंभ करता है, जहाँ पारदर्शिता, सुरक्षा और समावेशन एक साथ चलेंगे।
हालाँकि चुनौतियाँ हैं, लेकिन यदि सही नियमन और जनजागरूकता विकसित की जाए, तो e₹ भारत की अर्थव्यवस्था को नए स्तर पर ले जा सकता है।

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